इस नई तकनीक से मस्तिष्क की घातक चोट की पहचान करना हुआ संभव

इस नई तकनीक से मस्तिष्क की घातक चोट की पहचान करना हुआ संभव

सेहतराग टीम

शोधकर्ताओं ने एआई (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) आधारित एक नई प्रणाली विकसित की है, जिससे मस्तिष्क की घातक चोट (टीबीआई) का पता लगाया जा सकता है। इस प्रणाली से डॉक्टरों को टीबीआई के रोगियों का उपचार करने में मदद मिलेगी। टीबीआई यानी ‘ट्रॉमेटिक ब्रेन इंजरी’ मृत्यु का एक वैश्विक कारण है।

फिनलैंड में हेल्सिंकी यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने कहा, टीबीआई के मरीज बेहोशी में रहते हैं, जिससे डॉक्टरों के लिए इलाज के दौरान उनकी स्थिति का सही तरीके से जांच करना काफी चुनौतीपूर्ण होता है। यह अध्ययन साइंटिफिक रिपोर्ट नामक जर्नल में प्रकाशित हुआ है।

शोधकर्ताओं ने कहा, हमने एआई आधारित एल्गोरिद्म विकसित किया है, जो व्यक्तिगत रूप से रोगियों के परिणामों का अनुमान लगाता है और उनकी स्थिति के बारे में वस्तुनिष्ठ आंकड़े देता है।

अध्ययन के सह-लेखक राहुल राज ने कहा,  इससे पहले कि हम इस तरह के एल्गोरिद्म को क्लीनिकल प्रैक्टिस में लागू करें, इसके लिए अभी कुछ समय लगेगा। अध्ययन में पाया गया है कि यह नई एआई प्रणाली 80 से 85 फीसदी सटीकता के साथ 30 दिन के अंदर रोगी की मौत की संभावाना का अनुमान लगा सकती है।

शोध-

-वैज्ञानिकों ने दो एल्गोरिद्म तैयार किए हैं।

-नई एआई प्रणाली 80 से 85% सटीकता से करती है पहचान।

(साभार- हिन्दुस्तान)

 

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